Explosive unemployment
बेरोजगार =
बढ़ती हुई बेरोजगारी को देखकर आज मुझे एक प्रसिद्ध कवि की वह पंक्तियां याद आ जाती है जिसमें उन्होंने कहा था कि
"ना पढ़ते तो खाते सौ तरह कमा कर
हो गए बर्बाद हम तालीम पाकर
ना जंगल के रेहड चलाने के काबिल
ना बाजार में बेच धोने के काबिल|
आज देश की सबसे महत्वपूर्ण समस्याओं में से एक समस्या बेरोजगारी है
देश का नव युवक सरकारी नौकरी की जी तोड़ मेहनत करता है देश में किसी भी सरकारी डिपार्टमेंट में भर्ती आने पर जितनी सरकारी डिपार्टमेंट में वैकेंसी आती है उससे कहीं ज्यादा 10 गुना ज्यादा फॉर्म भरे जाते हैं
बेरोजगारी के पीछे सबसे बड़ा कारण तीव्र गति से बढ़ती हुई जनसंख्या है यद्यपि जनसंख्या पर थोड़ा नियंत्रण किया जा सकता है परंतु यह प्रयास पर्याप्त नहीं है जिस गति से जनसंख्या में वृद्धि होती है उस गति से रोजगार के अवसर सृजित नहीं होने के कारण यह स्थिति निरंतर दिन बा दिन बदतर होती जा रही है बेरोजगार का महत्वपूर्ण अभाव यह की उद्योगों पर सरकारी ध्यान नहीं दे रही हैं
देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान उद्योगों का होता है देश की भौगोलिक व जन विशालता के अनुपात में उद्योगों की व्यापक कमी है कुछ क्षेत्रों में तो आज भी वस्तुओं के आयात पर निर्भर है यदि इनका उत्पादन देश में ही शुरू हो जाए तो रोजगार के नए अवसरों का विस्तार होगा
आज बेरोजगारी के दुष्प्रभाव भी कम घातक नहीं है बेरोजगार युवा वर्ग आत्महत्या जैसे जघन्य पाप की ओर बढ़ रहा है युवाओं में मानसिक अवसाद कुंडा घर करती जा रही है चोरी डकैती हत्या अपहरण जैसी घटनाओं के पीछे बेरोजगार युवक की मानसिकता कार्य करती है रोजगार हिंसा की स्थिति में शोचनीय स्थिति को पैदा कर दी किंतु रोजगार उत्पन्न करने की क्षमता हम सबको मिलकर करनी होगी उद्योगों की ओर मरना होगा सीखने की प्रवृत्ति विकसित करनी होगी रूढ़िवादी ढांचे हटाने होंगे अपनी क्षमताएं बढ़ाकर हाथ आए अफसरों को समुचित दोहन करने की ललक पालनी होगी और सर्व परी अफसरों का इंतजार ना कर अफसर बनाने की जरूरत दायित्व भी लेने होंगे हर किसी नवयुवक जो बेरोजगार है उसको सरकारी नौकरी के पीछे ना पढ़कर अपना खुद का (बिजनेस) उद्योग शुरू करें जिससे बेरोजगारी खत्म होगी |
Nyc
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